विचारो को आकर दे कर
उकेरे कागज़ पर कुछ शब्द
शब्द, जिनका कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिए थे मैंने भारी मन से
शब्द शब्द मिलकर वाक्य तो बने
पर वे वाक्य सम्पूर्ण अर्थ लिए नहीं थे
इसीलिए उन्हें मिटा कर फिर लिखना चाहा
पर लिखा गया वो ही जो पहले लिखा था
शब्द जिनका अब कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिया था मैंने भारी मन से
वो शब्द हैं सचाई इमानदारी भाईचारा दोस्ती...
और न जाने कितने ही ऐसे ही शब्द ....
जिनकी कीमत अब कोई पहचानता नहीं
शब्द जिनका अब कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिया था मैंने भारी मन से
उकेरे कागज़ पर कुछ शब्द
शब्द, जिनका कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिए थे मैंने भारी मन से
शब्द शब्द मिलकर वाक्य तो बने
पर वे वाक्य सम्पूर्ण अर्थ लिए नहीं थे
इसीलिए उन्हें मिटा कर फिर लिखना चाहा
पर लिखा गया वो ही जो पहले लिखा था
शब्द जिनका अब कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिया था मैंने भारी मन से
वो शब्द हैं सचाई इमानदारी भाईचारा दोस्ती...
और न जाने कितने ही ऐसे ही शब्द ....
जिनकी कीमत अब कोई पहचानता नहीं
शब्द जिनका अब कुछ महत्त्व नहीं था
बस लिख दिया था मैंने भारी मन से
1 comment:
excellent, painful creation!
pl take in font selection, so that visibility can improve!
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