चेहरे पर जुल्फ
अपने चेहरे पर जुल्फ का पर्दा गिराए हुवे
जैसे चाँद को बादलो से छुपाये हुवे ...
मेरे ख्याल अब मेरा साथ नहीं देते
बहुत दिन हुवे कलम उठाये हुवे
मसरूफ जिन्दगी में कौन खबर रखता है
कितने दिन हुवे पडोसी ने चूल्हा जलाये हुवे
फूल सा चेहरा "कँवल "गुस्से में लाल लाल
मना रहा हूँ हाथ कानो पे लगये हुवे
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