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Thursday, October 18, 2012

बस थक गया हूँ सुनते सुनते

क्यूँ ऐसा लगता हैं  की 
मैं तुम्हे सुन सकता हूँ 
तुम्हारी हर बात 
वो जो तुम कहती हो और 
वो जो तुम नहीं भी कहती 

अब की आना तो मेरा वो अंश 
मुझे लौटा देना, जिसे अपने साथ ले गई हो,
जो सुन लेता हैं तुम्हारी हर बात 
और बता देता हैं तुम्हे चुपचाप 
तुम्हे खबर भी नहीं होने देता 

थक गया हूँ तुम्हे सुनते सुनते 
बस थक गया हूँ सुनते सुनते 

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