क्यूँ ऐसा लगता हैं की
मैं तुम्हे सुन सकता हूँ
तुम्हारी हर बात
वो जो तुम कहती हो और
वो जो तुम नहीं भी कहती
अब की आना तो मेरा वो अंश
मुझे लौटा देना, जिसे अपने साथ ले गई हो,
जो सुन लेता हैं तुम्हारी हर बात
और बता देता हैं तुम्हे चुपचाप
तुम्हे खबर भी नहीं होने देता
थक गया हूँ तुम्हे सुनते सुनते
बस थक गया हूँ सुनते सुनते
मैं तुम्हे सुन सकता हूँ
तुम्हारी हर बात
वो जो तुम कहती हो और
वो जो तुम नहीं भी कहती
अब की आना तो मेरा वो अंश
मुझे लौटा देना, जिसे अपने साथ ले गई हो,
जो सुन लेता हैं तुम्हारी हर बात
और बता देता हैं तुम्हे चुपचाप
तुम्हे खबर भी नहीं होने देता
थक गया हूँ तुम्हे सुनते सुनते
बस थक गया हूँ सुनते सुनते
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